Electricity market: देश में जब भी बिजली से जुड़ी कोई बड़ी खबर आती है, तो उसका सीधा असर आम लोगों की जेब और बाजार की चाल पर पड़ता है। कुछ ऐसा ही नज़ारा इस समय देखने को मिल रहा है, जब भारतीय विद्युत विनियामक आयोग (CERC) ने “मार्केट कपलिंग” लागू करने की घोषणा की। इस फैसले से न केवल बिजली की कीमतें एक समान होने जा रही हैं, बल्कि इसका सीधा प्रभाव देश की सबसे बड़ी ऊर्जा एक्सचेंज कंपनी IEX पर भी दिखने लगा है।
क्या है मार्केट कपलिंग और कैसे काम करता है
मार्केट कपलिंग एक ऐसा सिस्टम है जो बिजली बाजार में अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स से बोली और ऑफर को एक साथ जोड़कर एक समान कीमत तय करता है। इसका मकसद है कि देशभर में बिजली की कीमतों में एकरूपता आए और खरीदारों व विक्रेताओं दोनों को बेहतर लाभ मिल सके। अभी तक IEX बिजली की स्पॉट कीमतें तय करने में मुख्य भूमिका निभाता रहा है, लेकिन अब उसकी यह शक्ति सीमित हो सकती है।
IEX शेयरों में गिरावट, निवेशक चिंतित
CERC के फैसले के बाद IEX के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को कंपनी के शेयर 26% तक लुढ़क गए, जो इसके लिस्टिंग के बाद से सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि यह बदलाव IEX के मार्केट शेयर और प्राइस डिस्कवरी क्षमता को काफी प्रभावित कर सकता है।
क्यों लाया गया है ये बदलाव
CERC का कहना है कि इस व्यवस्था से बिजली की कीमतों में पारदर्शिता बढ़ेगी, ट्रांसमिशन सिस्टम का बेहतर इस्तेमाल होगा और खरीदारों-विक्रेताओं को अधिक आर्थिक लाभ मिलेगा। एक पायलट प्रोजेक्ट में देखा गया कि मार्केट कपलिंग के चलते ₹38 करोड़ का फायदा हुआ और कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं आया। इसी पायलट के आधार पर अब अगले कुछ महीनों में इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
आगे क्या होगा
2026 तक “डे-अहेड” और “रियल-टाइम मार्केट” को इस नई प्रणाली में शामिल किया जाएगा। इसके लिए Grid-India एक नया सॉफ्टवेयर तैयार करेगा और सभी एक्सचेंजों को अपना डेटा शेयर करने का निर्देश दिया गया है। धीरे-धीरे टर्म-अहेड मार्केट्स भी इस प्रणाली का हिस्सा बनेंगे।
निवेशकों और बाज़ार के लिए क्या मतलब है
IEX जैसी बड़ी कंपनियों के लिए यह बदलाव चुनौती लेकर आ सकता है। जहां पहले IEX की कीमत तय करने की ताकत थी, अब वह केवल एक बोली जमा करने वाले प्लेटफॉर्म की भूमिका में आ जाएगा। इससे न केवल मुनाफे में कटौती हो सकती है, बल्कि इसके भविष्य की रणनीतियों पर भी असर पड़ेगा।
मार्केट कपलिंग का उद्देश्य बिजली बाजार को और अधिक पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी और लाभकारी बनाना है। लेकिन इस सुधार से मौजूदा बड़ी कंपनियों की भूमिका बदलेगी, जिससे उनके निवेशकों के लिए जोखिम और अवसर दोनों सामने हैं। अब देखना होगा कि IEX इस बदलाव के साथ कैसे सामंजस्य बैठाता है और क्या इससे उपभोक्ताओं को वास्तव में सस्ती और स्थिर बिजली मिलती है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी पब्लिक डोमेन पर आधारित है और किसी निवेश सलाह का दावा नहीं करती। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।
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